जयपुर: नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किए जाने को लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री और गांधी परिवार के करीबी नेता अशोक गहलोत ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। सिद्धू को शुभकामनाएं देते हुए अशोक गहलोत ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि, सिद्धू कांग्रेस पार्टी की परम्परा का निर्वहन करेंगे और सभी को साथ लेकर पार्टी की रीति-नीति को आगे बढ़ाने का कार्य करेंगे।
अशोक गहलोत ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को लेकर कहा है कि, अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद मीडिया के सामने पिछले सप्ताह घोषणा की थी कि वे कांग्रेस अध्यक्ष के हर फैसले को स्वीकार करेंगे। सिद्धू को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर अशोक गहलोत ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में हर फैसले से पहले सभी के साथ राय-मशविरा होता है और सभी को अपनी बात रखने का मौका दिया जाता है। अशोक गहलोत ने कहा कि सभी की बात को ध्यान में रखकर पार्टी हाईकमान अपना फैसला सुनाती है और यही पार्टी की सबसे बड़ी ताकत है।
वहीं, पार्टी के राजस्थान प्रभारी अजय माकन के एक Retweet से भी राजस्थान में हलचल पैदा हो गई है। अजय माकन ने एक पत्रकार के ट्वीट को रीट्वीट किया है जिसमें पत्रकार ने पंजाब में नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त करने पर अपनी राय दी थी। पत्रकार ने लिखा था कि सिद्धू को पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त करके पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने सही किया है क्योंकि शीर्ष नेतृत्व को कांग्रेस के क्षेत्रीय क्षत्रपों के बीच अपनी ताकत बताना भी जरूरी थी।
ट्वीट में कांग्रेस पार्टी के क्षेत्रीय क्षत्रपों पर निशाना साधते हुए लिखा गया है, "किसी भी राज्य में कोई क्षत्रप अपने दम पर नहीं जीतता है। गांधी नेहरू परिवार के नाम पर ही गरीब, कमजोर वर्ग, आम आदमी का वोट मिलता है। मगर चाहे वह अमरिन्द्र सिंह हों या गहलोत या पहले शीला या कोई और! मुख्यमंत्री बनते ही यह समझ लेते हैं कि उनकी वजह से ही पार्टी जीती। 20 साल से ज्यादा अध्यक्ष रहीं सोनिया ने कभी अपना महत्व नहीं जताया। नतीजा यह हुआ कि वे वोट लाती थीं और कांग्रेसी अपना चमत्कार समझकर गैर जवाबदेही से काम करते थे। हार जाते थे तो दोष राहुल पर, जीत का सेहरा खुद के माथे! सिद्धु को बनाकर नेतृत्व ने सही किया। ताकत बताना जरूरी था।"