पटना: बिहार के मंत्री श्रवण कुमार ने शुक्रवार को कहा कि कल्याणकारी योजनाओं में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार में कथित संलिप्तता के लिए बिहार ग्रामीण विकास विभाग के लगभग 200 राजपत्रित अधिकारियों को तबादलों और वेतन वृद्धि को रोककर दंडित किया गया है। ग्रामीण विकास मंत्री कुमार ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में प्रधानमंत्री आवास योजना और हर घर नल का जल योजना के तहत करोड़ों रुपये फर्जी खातों में भेजने और अपात्र लोगों को सूचीबद्ध करने जैसी अनियमितताएं करने के मामले में पिछले कुछ महीनों में गलतियां करने वाले अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की गई है।
कुमार ने बताया, ‘‘हमारी सरकार में भ्रष्टाचार के लिए कोई स्थान नहीं है। हमने गड़बड़ियां करने वाले बिहार लोक सेवा आयोग के ग्रामीण विकास विभाग के राजपत्रित अधिकारियों और पर्यवेक्षी अधिकारियों के खिलाफ कर्तव्य में लापरवाही को लेकर विभागीय कार्रवाई/प्रक्रिया शुरू कर दी है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कुछ मामलों में विभागीय जांच कुछ साल से लंबित थी। वरिष्ठ अधिकारियों से कहा गया है कि वे गलतियां करने वाले अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई जल्दी पूरी करे।’’
दस्तावेजों से पता चलता है कि मधुबनी जिले के मधेपुर ब्लॉक में 2019 में और पटना जिले के पुनपुन ब्लॉक में 2018 में सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना शुरू भी नहीं की गई थी। विभाग ने 2019 में अरवल जिले के कुर्था ब्लॉक में बच्चों को परोसे जाने वाले भोजन में, 2014 में मधुबनी जिले के हरलाखी में सरकारी जमीन पर निजी स्कूल के निर्माण में अनियमितताएं पाये जाने, लखीसराय के सूर्यगढ़ में हर घर नल का जल योजना के तहत गलत खाते में अंतरित लाखों रुपये की वसूली नहीं होना और 2020 में लखीसराय में नियमों का पालन किए बगैर राजस्व विभाग से अधिकारियों द्वारा 49.27 लाख रुपये अग्रिम के रूप में निकाले जाना, आदि बातें सामने आयी हैं।
यह भी पता चला है कि मुजफ्फरपुर जिले के साहेबगंज, मारवान और औराई ब्लॉकों में 2018 में अपात्र लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कथित रूप से आवास आवंटित किए जाने की भी जानकारी सामने आयी है। संबंधित अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की गई थी।