आज जेल से छूटेंगे आनंद मोहन समेत 27 दुर्दांत अपराधी, 6 महीने पहले मर चुका कैदी भी होगा रिहा!
बिहार के बाहुबली नेता आनंद मोहन की आज जेल से रिहाई होने वाली है। साथ ही 26 और ऐसे कैदी आज बिहार की जेलों से रिहा किए जा रहे हैं, जो हत्या और रेप जैसे संगीन अपराधों में सजा काट रहे थे।
बिहार के बाहुबली नेता आनंद मोहन की आज जेल से रिहाई होने वाली है। साथ ही 26 और ऐसे कैदी आज बिहार की जेलों से रिहा किए जा रहे हैं, जो हत्या और रेप जैसे संगीन अपराधों में सजा काट रहे थे। आनंद मोहन को 1994 में बिहार के गोपालगंज के डीएम की हत्या के जुर्म में उम्रकैद की सजा मिली थी और वो सहरसा जेल में सजायाफ्ता थे। वो इन दिनों बेटे की सगाई के लिए परोल पर बाहर आए थे। बुधवार को परोल की अवधि समात होने के साथ ही आनंद मोहन ने सहरसा जेल में सरेंडर कर दिया। अब आज उनकी रिहाई की प्रक्रिया पूरी होगी और वो जेल से बाहर आएंगे।
बिहार सरकार ने आनन फानन में बनाई गई लिस्ट
इधर, डीएम जी कृष्णैया की पत्नी ने बिहार सरकार के फैसले पर नाराजगी जताई है। बिहार सरकार के फैसले के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में पीआईएल भी दाखिल की गई है। वहीं बिहार सरकार जिन 27 कैदियों को रिहा कर रही है, उस लिस्ट में एक ऐसा कैदी भी शामिल है जिसकी 6 महीने पहले मौत हो चुकी है। ऐसे में जेल प्रशासन द्वारा आनन फानन में बनाई गई लिस्ट सवालों के घेरे में है। करीब 15 साल बाद बिहार का बाहुबली आनंद मोहन नीतीश सरकार की मेहरबानी से आज जेल की सजा से आजाद हो रहे हैं, लेकिन आनंद मोहन समेत जिन 27 दुर्दांत अपराधियों को रिहा करने के फैसले की वजह से नीतीश सरकार की किरकिरी हो रही है, अब उसकी लिस्ट पर ही सवाल खड़े हो गए हैं। गोपालगंज के डीएम जी. कृष्णैया हत्याकांड के दोषी आनंद मोहन की रिहाई के चक्कर में बिहार सरकार ने आनन-फानन में एक ऐसे कैदी की रिहाई का भी फरमान जारी कर दिया है जो 6 महीना पहले ही इस दुनिया अलविदा कह चुका है।
लिस्ट में 6 महीने पहले मर चुके कैदी का नाम डाला
आज जिन 27 कैदियों को रिहा किया जा रहा है, उनमें 11वें नंबर पर बाहुबली आनंद मोहन का नाम है। लेकिन कैदियों की इसी फेहरिस्त में 15वें नंबर पर कैदी पतिराम राय का नाम है। सरकारी आदेश के मुताबिक 1988 में उम्र कैद की सजा पाने वाले पतिराम राय बक्सर के ओपन जेल में बंद है। उसकी उम्र 93 साल है। नीतीश सरकार ने पतिराम के लिए उम्र कैद की सजा से रिहाई का आदेश दिया है। लेकिन हैरानी की बात ये है कि पतिराम राय की मौत 6 महीने पहले ही हो चुकी है। कैदियों की रिहाई से पहले जहां नीतीश सरकार की लिस्ट विवादों में है। वहीं रिहाई से पहले ही बाहुबली आनंद मोहन अपने पुराने तेवर दिखाने लगे हैं।
पटना हाईकोर्ट में फैसले को दी गई चुनौती
बिहार के बाहुबली नेता की रिहाई पर जहां सियासी जमात बचकर जवाब दे रही है, तो वहीं 10 अप्रैल 2023 को बिहार जेल मैन्युअल में हुए बदलाव को लेकर पटना हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है, जिसमें नीतीश सरकार के नियमों में बदलाव को गैरकानूनी बताया गया है। हालांकि इस मामले की सुनवाई कब होगी फिलहाल ये साफ नहीं है। बाहुबली आनंद मोहन गोपालगंज के डीएम जी कृष्णैया की हत्या में दोषी साबित होने के बाद उम्रकैद की सजा काट रहे थे। 4 दिसंबर 1994 को गैंगस्टर छोटन शुक्ला की हत्या कर दी गई थी। शुक्ला की अंतिम यात्रा के दौरान उन्मादी भीड़ ने गोपालगंज के डीएम जी कृष्णैया की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड में आनंद मोहन को साल 2007 में दोषी करार दिया गया था।
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