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Hindi News बिहार Agneepath Protest: अग्निपथ योजना के विरोध में आज भारत बंद, बिहार के 15 जिलों में इंटरनेट ठप, प्रदर्शन को लेकर अलर्ट पर प्रशासन

Agneepath Protest: अग्निपथ योजना के विरोध में आज भारत बंद, बिहार के 15 जिलों में इंटरनेट ठप, प्रदर्शन को लेकर अलर्ट पर प्रशासन

20 जून यानी सोमवार को कुछ संगठनों ने भारत बंद का ऐलान किया है। इसे लेकर RPF और GRP हाईअलर्ट पर हैं। हालिया हिंसक घटनाओं के बाद RPF और GRP काफी सतर्कता बरत रहे हैं।

State administration on alert regarding Bihar Bandh against Agneepath Scheme - India TV Hindi Image Source : PTI State administration on alert regarding Bihar Bandh against Agneepath Scheme 

Highlights

  • बिहार के औरंगाबाद में 16-17 जून को हुई थी आगजनी
  • हुड़दंग की साजिश में सोशल मीडिया का रहा बड़ा रोल
  • राज्य के के 15 जिलों में इंटरनेट पूरी तरह रेहगा बंद

Agneepath Protest: सेना में भर्ती को लेकर केंद्र की अग्निपथ योजना को लेकर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। पत्थरबाजी, हिंसा और आगजनी की तस्वीरें देश के 13 राज्यों से आ रही हैं। आज 20 जून सोमवार को कुछ संगठनों ने भारत बंद का ऐलान किया है। इसे लेकर RPF और GRP हाईअलर्ट पर हैं। हालिया हिंसक घटनाओं के बाद RPF और GRP काफी सतर्कता बरत रहे हैं।

 

इस बीच दक्षिण बिहार के औरंगाबाद जिले में 16 और 17 जून को हुए हुड़दंग और दंगे-आगजनी की साजिश में सोशल मीडिया का बहुत बड़ा रोल था। यही कारण है कि पिछले 2 दिन से बिहार के 15 जिलों में इंटरनेट पूरी तरह बंद है जिसे अगले 24 घण्टों के लिए भी बिहार पुलिस ने पत्र लिखकर इंटरनेट को बंद रखने को कहा है। 

अब तक की जांच में ये भी पता चला है कि प्रदर्शनकारियों ने उपद्रवियों की भीड़ जुटाने के लिए व्हाट्सएप ग्रुप बनाने के साथ फेसबुक पेज और फर्जी फेसबुक एकाउंट्स बनाकर भी लोगों को भड़काया। औरनागबाद पुलिस ने ऐसे 7 से ज्यादा फेसबुक पेज और एकाउंट्स की पहचान कर उनकी जांच सायबर सेल को सौंप दी है। इसके अलावा औरंगाबाद पुलिस कई मिलिट्री ट्रेनिंग कोचिंग क्लासेस और एकेडमी पर जाकर भी इन्वेस्टिगेशन कर रही है कि इनका रोल क्या था?

उपद्रवियों को जुटाने के लिए सोशल मीडिया का रोल

बिहार के मगध रीजन के रोहतास, औरंगाबाद, गया, अरवल और आसपास के जिलों में 16 और 17 जून को भीड़ इकठ्ठा करने के लिए सिर्फ व्हाट्सएप का नहीं बल्कि फेसबुक और दूसरे सोशल मीडिया का भी धड़ल्ले से इस्तेमाल किया गया। ये जानकारी औरंगाबाद जिले के एसपी कांतेश कुमार मिश्रा ने इंडिया टीवी को दी है। औरंगाबाद जिला एसपी ने बताया कि पुलिस के पास जो अब तक की जांच में जानकारी आई है उसमें पकड़े गए युवकों ने बताया है कि ये फेसबुक पेज दाऊद नगर और रफी गंज से चलाए जा रहे थे जो औरंगाबाद जिले में ही है और इनके तार जिले के बाहर के लोगों से भी जुड़े होने की आशंका है।

पत्थरबाजी में कई नाबालिग बच्चे भी शामिल

औरंगाबाद एसपी ने बताया कि व्हाट्सएप ग्रुप के अलावा फेसबुक पेज और फेसबुक एकाउंट की पुख्ता जानकारी मिली है जिसमे भड़काऊ कॉन्टेंट लिखे गए थे। 16 और 17 जून के हुड़दंग और आगजनी के 3 से 4 दिन पहले से इन फेसबुक पेज के जरिये युवाओं को भड़काया जा रहा था। इस फेसबुक पेज और एकाउंट्स में भड़काऊ बयान भेजे गए हैं। इन फेसबुक पेज और एकाउंट्स को औरंगाबाद साइबर सेल की मदद से इन्वेस्टिगेट किया जा रहा है।

बंद के ऐलान को लेकर अलर्ट पर प्रशासन  

20 जून के बिहार बंद के लिए औरंगाबाद पुलिस पूरी तरह मुस्तैद और तैयार है। हर अहम प्वाइंट पर निगरानी और पुलिस डिप्लॉयमेंट किया जा रहा है। कल यानी 20 जून को स्टूडेंट विंग द्वारा बुलाये गए बिहार बंद को लेकर बिहार पुलिस और बिहार प्रशासन अलर्ट हो गया है। दक्षिण बिहार के नक्सल प्रभावित मंडल औरंगाबाद के जिला मजिस्ट्रेट सौरव जोरवाल ने जिले के एसपी कांतेश कुमार मिश्रा के साथ औरंगाबाद जिले के सभी 5 रेलवे स्टेशनों का औचक निरीक्षण कर हर रेलवे स्टेशन पर एसटीएफ कमांडो और रिसर्व पुलिस को तैनात करने का आदेश जारी कर दिया है। इन रेलवे स्टेशनों में अनुग्रह नारायण रोड रेलवे स्टेशन, फेसर रेलवे स्टेशन, जाखिम रेलवे स्टेशन, चिरैला हाल्ट रेलवे स्टेशन, रफी गंज रेलवे स्टेशन और देवरोड़ सहित11 छोटे-बड़े हाल्ट और स्टेशन पर एसपी और डीएम दोनों गए।

अब 20 जून की आधी रात तक बंद रहेगा इंटरनेट

इसके अलावा डीएम सौरव जोरवाल ने इंडिया टीवी को जानकारी दी है कि जिला प्रसाशन ने अगले 24 घंटो तक इंटरनेट सेवा के बंद करने की मियाद को बढ़ाने का पत्र सभी मोबाइल कंपनियों को दिया है। आज 19 जून की रात 12 बजे तक इंटरनेट सेवा को पूरी तरह बंद किया गया था जिसे अब बढ़ाकर 20 जून की आधी रात तक किये जाने का निर्णय लिया जा रहा है। डीएम सौरव जोरवाल ने कहा कि अब तक औरंगाबाद जिले में 65 से ज्यादा हुड़दंगी गिरफ्तार किए गए हैं जिनके खिलाफ कड़े कानून के तहत कार्यवाही की जा रही है।