Agneepath: बिहार में भारतीय जनता पार्टी और जनता दल युनाइटेड के गठबंधन में दरार पड़ती दिख रही है। शनिवार को अग्निपथ विरोधी प्रदर्शनों को लेकर दोनों दलों के बीच मतभेद खुलकर सामने आ गए। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने जहां विरोध प्रदर्शनों के दौरान बिहार पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाया, वहीं जनता दल युनाइटेड के अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि जायसवाल से शिक्षा लेने की जरूरत नहीं है। ललन सिंह ने साथ ही कहा कि बीजेपी को अग्निपथ पर छात्रों की आशंका को दूर करना चाहिए।
बिहार बीजेपी अध्यक्ष ने लगाए थे गंभीर आरोप
केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने संजय जायसवाल के आवास पर भी हमला किया था। संजय जायसवाल ने इसके बाद उपद्रवियों पर ऐक्शन न लेने पर पुलिस प्रशासन को घेरा था। उन्होंने कहा था कि इस मामले में जैसी कार्रवाई प्रशासन को करनी चाहिए थी, वैसे नहीं की गई। संजय ने कहा था कि सूबे में पिछले 4 दिनों से जारी हंगामे के दौरान प्रशासन की भूमिका ठीक नहीं थी। उन्होंने कहा कि बवाल काटने वालों पर कहीं भी लाठीचार्ज नहीं किया गया, और न ही कहीं आंसू गैस चलाई गई। बीजेपी नेता ने कहा कि सूबे में पुलिस-प्रशासन ऐक्टिव नहीं है।
संजय के आरोपों पर जेडीयू का तीखा पलटवार
बिहार बीजेपी चीफ के आरोपों पर जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह ने काफी तीखी भाषा में जवाब दिया। ललन सिंह ने कहा, ‘प्रशासन क्यों जलायेगा बीजेपी का कार्यालय? बीजेपी को छात्रों की आशंका को दूर करना चाहिए। इसके बजाय प्रशासन पर अनर्गल आरोप लगा रहे हैं। छात्रों के आक्रोश से मानसिक संतुलन बिगड़ा है, उसका ही असर है कि वह प्रशासन पर अनर्गल आरोप लगा रहे हैं। नीतीश जी का गुड गवर्नेंस है, संजय जयसवाल से शिक्षा लेने की आवश्यकता नहीं है। हरियाणा में क्यों हिंसक घटनाएं हो रही हैं? वहां तो बीजेपी की सरकार है, तो वहां वह गोली चलवा दे।’
‘ईश्वर आपको सच सुनने की क्षमता दे’
ललन के तीखे जवाबों के बाद संजय जायसवाल ने एक फेसबुक पोस्ट में ‘ईश्वर आपको सच सुनने की क्षमता दे’ लिखकर नई चर्चाओं के द्वारा खोल दिए। बता दें कि संजय के बिहार पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाने के कुछ ही देर बाद खबर आई कि केंद्र उन्हें और बिहार की डिप्टी सीएम रेणु देवी के अलावा लगभग एक दर्जन विधायकों को ‘Y’ श्रेणी की सुरक्षा दे रहा है। ऐसे में यह संदेश जा रहा है कि बीजेपी को बिहार सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा रही सुरक्षा पर भरोसा नहीं है। अब दोनों पार्टियों के नेताओं द्वारा एक-दूसरे पर तीखे हमले का अंजाम क्या होता है, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।