बिहार में ही साइबर ठगी का कॉल सेंटर तक चल रहा है। राज्य के नवादा जिले से कई बार ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। अब गया से साइबर ठगी और उसका कॉल सेंटर चलाए जाने को लेकर हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। गया शहर के बीचों बीच मिर्जा गालिब कॉलेज के समीप एक तीन मंजिला मकान पर साइबर थाना पुलिस की टीम ने छापेमारी की है। छापेमारी के दौरान साइबर थाना पुलिस के होश उड़ गए।
साइबर डीएसपी साक्षी राय ने बताया कि रविवार को SSP आशीष भारती के निर्देश पर 'पेनोल सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड' कंपनी के कॉल सेंटर में छापेमारी की गई। इस दौरान कई रैंडम नंबर मिले है।
ठगी का तरीका जान हर कोई हैरान
कॉल सेंटर के जरिए यह ग्राहकों को पैसा ट्रांसफर, लोन इंस्टालेशन, लोन फैसिलिटी, लोन इंश्योरेंस सहित कई सुविधाओं के बारे में बताकर अपना ऐप इंस्टॉल करवाते थे। इसके बदले में पेमेंट आईडी दी जाती थी। पेमेंट आईडी के जरिए ग्राहकों का पैसा कंपनी के अकाउंट में आता था जिसके बाद ग्राहकों को दी जाने वाली सारी सुविधाएं बंद कर दी जाती थी। इस तरह की करीब 37 शिकायतें साइबर पोर्टल पर पहले ही दर्ज कराई जा चुकी थी।
CEO, मैनेजर सहित 36 कर्मचारी गिरफ्तार
कंपनी के सीईओ निशांत कुमार और मोहित कुमार व मैनेजर शिष्या वर्धन सहित कुल 36 युवक युवतियों को एक साथ गिरफ्तार किया गया है। बताया जा रहा है कि ये लोग पिछले 3 साल से साइबर फ्रॉड का काम कर रहे थे। इस दौरान करोड़ों रुपये की ठगी का खुलासा हुआ है। वहां से 3 लैपटॉप, 33 मोबाइल फोन और 33 सिम कार्ड बरामद किए गए हैं।
वहीं, गिरफ्तारी के बाद युवक, युवतियों के परिजनों की भीड़ लग गई और इसका विरोध करने लगे। उन्हें हटाने और विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस को बल का प्रयोग करना पड़ा। पुलिस ने मामूली लाठी चार्ज भी किया।
(रिपोर्ट- अजित कुमार)
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